Indian court
Monday, 9 December 2013
Poems
लोग मिलते हैं औोर बिछड़ते हैं कोई रोते तो कोई हंसते हैं पिलावो दूध जिनपे करके रहम शर्प बनकरके वही डसते हैं! संजय तिवारी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment