Wednesday, 11 December 2013
हमारे देश की अधिकतर सरकारी योजनाओं का ५०./. पैसा सरकारी बाबू. अधिकारी मिलकर खा जाते हैं. जनता की हालात बद से बदतर है चिंताजनक है. भोली भाली जनता कई लाख करोड़ रुपये खा गए छोटे बाबू से लेकर बड़े बाबू तक. नेतावो को तो ५./. Se लेकर १०./. देते हैं ये बाबू लोग सरकारी खाते से निकालकर. बाकी माल ये खुद ख जाते हैं. इनके खिलाफ क्यों आंदोलन नहीं होता. मीडिया ौोर केजरीवाल जैसे लोग इनको क्यों नहीं बदनाम करते. क्या इस मुद्दे से केजरीवाल को वोट नहीं मिलेगा. क्या केजरीवाल बाबू रह चुके हैं इसलिए वो इन हरामखोर बाबुओं औोर पुलिस वालों का बचाव कर रहे हैं.. ताकि ये बाबू औोर पुलिस वाले राछस पब्लिक का खून चूसते रहें. ौोर मीडिया सिर्फ नेतावों को बदनाम कर उद्दोगपतियो से बिज्ञापन लेकर. संजय तिवारी उजाला
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment