Sunday 20 November 2016

रेल दुर्घटना होने पर सम्बंधित रेल अधिकारीयो को आजीवन जेल भेजा जाने लगे ऐसा तुरंत ऐसा क़ानून बने, कभी नहीं होगी रेल दुर्घटनाएँ.... लेकिन ग़रीब लोगों को मुआवज़े का मरहम ....लगाकर जाँच के नाम पर उनकी आवाज़ दबा दी जाती है- प्लेन क्रैश हो तो मीडिया ख़बर को प्रमुखता कुछ ज़्यादा देती है..संजय तिवारी उजाला

जिस दिन हमारे देश के सभी प्राइमरी और सरकारी स्कूल इस तरह के सुविधा जनक और ख़ूबसूरत हो जाएँगे आप भरोसा रखिए ना भय होगा ना भ्रष्टाचार,ना घोटाले होंगे ना महगायी की मार, सिक्षा को धंधा बनाने वाले प्राइवेट लोगों का नमोनिशान मिट जाएगा, संजय तिवारी उजाला

Monday 14 November 2016

मुझे तिहाड़ जेल में ऐसे कई लोग मिले जो पुलिस के जालसाज़ी धोखाधड़ी उगाही ज़्यादती के शिकार हैं, चोरी, डकैती, छीना झपटी के पुराने आरोपियों ने बताया कि वो पुलिस द्वारा किसी एक वारदात में एक थाने में पकड़े जाते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस के कई थाने के लोग उनके पिछले रेकार्ड के आधार पर दर्जनों पेंडिंग्स व पुराने मुक़दमे लगाकर जेल भेज देते है, लेकिन कोर्ट्स उनको सप्ताह या एक महीने में सारे मुक़दमों से बरी या डिस्चार्ज कर देता है जिसका पूरा रेकार्ड तिहाड़ जेल में भी दर्ज है ......जिससे दिल्ली में अस्ली अपराधी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं और दिल्ली में अपराध बढ़ रहे हैं, उगाही के चक्कर में दिल्ली पुलिस का यह रैकेट कई वर्षों से फल फूल रहा है, जिसपर मानवाधिकार आयोग सरकार ऐन जी ओ अदालतें सभी चुप हैं..क्या उनको भी उगाही का माल मिलता है....संजय तिवारी उजाला

Friday 11 November 2016

मोदी जी की दूरगामी सोच का देश को फ़ायदा मिलने लगा है, नोट की चोट का मतलब ना सौ सोनार का ना एक लोहार का..

मायावती, राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल तथा दिल्ली के कई सौ किचेन गैस माफ़ियावो का पर्दाफ़ाश करने वाले खोजी पत्रकार संजय तिवारी उजाला को मोदी के ख़िलाफ़ लिखना पड़ा महँगा, तिरंगा न्यूज़.काम पर चल रहे भाजपा नेतावो के स्टिंग व मोदी पर रोज़ नया ख़ुलासा करने वाले संजय तिवारी को दिल्ली पुलिस ने किसी मुक़दमे में फ़र्ज़ी फँसा कर भिजवाया जेल, आए दिन उजाला न्यूज़ नेट्वर्क पर इंकम टैक्स व डेल्ली पुलिस का छापा, मामले पर फँसता देख दिल्ली पुलिस ने प्रेस रिलीज़ तक नहीं दी, सी पी आलोक वर्मा ने मामले को दबाया, १० अक्टूबर को दिल्ली पलीस की अपराध साखा ने तिवारी को किया गिरफ़्तार, कोर्ट से ६ दिन में ज़मानत

दिल्ली पुलिस को क्या कहें डेली पुलिस, बीकली पुलिस या फिर मन्थ्ली पुलिस।सजय तिवारी उजाला

जहाँ दिल्ली में पुलिस की मिलीभगत से क्राइम अपने चरम पर है वही दिल्ली पुलिस के तमाम सिपाही दिल्ली के पुलिस अधिकारियों के घर में काम करने को मजबूर है। कोई जाँच नहीं। संजय तिवारी उजाला

Delhi police