Monday 14 November 2016
मुझे तिहाड़ जेल में ऐसे कई लोग मिले जो पुलिस के जालसाज़ी धोखाधड़ी उगाही ज़्यादती के शिकार हैं, चोरी, डकैती, छीना झपटी के पुराने आरोपियों ने बताया कि वो पुलिस द्वारा किसी एक वारदात में एक थाने में पकड़े जाते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस के कई थाने के लोग उनके पिछले रेकार्ड के आधार पर दर्जनों पेंडिंग्स व पुराने मुक़दमे लगाकर जेल भेज देते है, लेकिन कोर्ट्स उनको सप्ताह या एक महीने में सारे मुक़दमों से बरी या डिस्चार्ज कर देता है जिसका पूरा रेकार्ड तिहाड़ जेल में भी दर्ज है ......जिससे दिल्ली में अस्ली अपराधी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं और दिल्ली में अपराध बढ़ रहे हैं, उगाही के चक्कर में दिल्ली पुलिस का यह रैकेट कई वर्षों से फल फूल रहा है, जिसपर मानवाधिकार आयोग सरकार ऐन जी ओ अदालतें सभी चुप हैं..क्या उनको भी उगाही का माल मिलता है....संजय तिवारी उजाला
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